A Door Into
Hindi
By Afroz Taj
Lesson 13 Script
सुनील: अरे,
यहाँ जगह है,
यहाँ बैठिये ।
नमस्ते,
मेरा नाम
सुनील है ।
मैं बनारस
जा रहा हूँ, आप
कहाँ जा रही
हैं ?
अंजना: मेरा
नाम अंजना है
। मैं भी
बनारस जा रही
हूँ ।
मैं वहीं
रहती हूँ,
क्या आप वहीं
रहते हैं ?
सुनील: जी
नहीं, मैं
कानपुर में
रहता हूँ ।
मैं बनारस
घूमने जा रहा
हूँ ।
मैं बनारस
हिन्दू
विश्वविद्यालय
और बनारस के
घाट देखने जा
रहा हूँ ।
और मैं एक
साहब के घर भी
जा रहा हूँ जो
मेरे पिता जी
के मित्र हैं
।
अंजना: वह
साहब जो आपके
पिता जी के
मित्र हैं ,
क्या
वह बनारस में
ही रहते हैं ।
सुनील: जी
हाँ । मेरे
पास उनके
परिवार के
लिये कुछ
साड़ियाँ हैं
।
क्या आप
देखेंगी ?
अंजना: जी
हाँ, मैं
ज़रूर
देखूँगी ।
सुनील: यह
देखिये ।
अंजना: नीली
साड़ी तो बहुत
सुंदर है ।
लाल साड़ी
उस से भी
सुंदर है ।
अरे पीली
साड़ी तो सब
से सुंदर है,
सब से अच्छी
है !
सुनील: मेरा
इरादा कल गंगा
के घाट जाने
का है, ये गंगा
के घाट कैसे
हैं ?
अंजना:
बनारस में
गंगा के घाट
सब से सुंदर
हैं,
मेरा भी कल
गंगा के घाट
जाने का इरादा
है ।
सुनील:
अच्छा तो कल
क्या मैं भी
आप के साथ
वहाँ जा सकता
हूँ ?
अंजना: क्यों
नहीं । कल आप
किस समय आ
सकते हैं ?
सुनील:
कौनसे समय
गंगा के घाट
देखने के लिये
सब से अच्छा
है ?
अंजना:
बनारस की सुबह
भारत में सब
से मशहूर है ।
क्या आप
सूर्योदय कल
देखना चाहते
हैं ?
सुनील: जी
हाँ ।
अंजना:
अच्छा मैं कल
आप से मिलूँगी
।
सुनील:
ज़रूर । मुझे सुबह
के समय आने
में कोई
कठिनाई नहीं
होगी ।
अच्छा, मैं
आपसे वहाँ
मिलूँगा ।
अंजना: बहुत
अच्छा । वहाँ
से कल हम
बनारस हिन्दू
विश्वविद्यालय
भी देखने
जाएँगे ।
अंजना: माँ,
मुझे कल सुबह
अपने एक मित्र
से मिलने गंगा
घाट पे जाना
है ।
माँ: यह
कौनसा मित्र
है ?
अंजना: यह
वही मित्र है
जो कल मेरे
साथ रेल गाड़ी
पे आ रहा था ।
माँ: अच्छा
बेटी, घर वापस
जल्दी आना ।
अंजना:
क्यों ? क्या
बात है ?
माँ:
क्योंकि कल एक
परिवार शादी
के लिये तुम्हें
देखने आ रहा
है ।
अंजना:
लेकिन माँ,
मैं अभी शादी
नहीं करना चाहती
।
मैं अभी
पढ़ना चाहती
हूँ ।
माँ: मैं
मानती हूँ
बेटी, लेकिन
वे तुम्हें देखना
चाहते हैं ।
क्या
तुम्हें इस
में कोई
कठिनाई है ?
अंजना: जी
नहीं । कल मैं
जल्दी वापस आ
जाउँगी ।
माँ: आ जाना
।
गाना
ओ---
मंदिरों का
यह नगर है
आसमाँ जिसकी
ज़मीं
यह बनारस की
सुबह दुनिया
में है सब से
हसीं
मंदिरों का
यह नगर है
मंदिरों का
यह नगर है
आसमाँ जिसकी
ज़मीं
यह बनारस की
सुबह दुनिया
में है सब से
हसीं
मंदिरों का
यह नगर है
ओ---
यह है गंगा
का शहर हर
चीज़ मिलती है
यहाँ
सब से मीठी
पान है और सब
से रंगीं
साड़ियाँ
उन से मीठी
बोलियाँ और उन
से रंगीं
गोरियाँ
बोलिये जी
आपका अब क्या
इरादा है यहाँ
मंदिरों का
यह नगर है ---
सुनील: यह
जगह सुबह के
समय घूमने के
लिये बहुत अच्छी
है ।
पण्डित जो
यहाँ पूजा कर
रहे हैं, वे
कहाँ रहते हैं
?
अंजना:
पण्डित जो
यहाँ पूजा
करते हैं, ये
यहीं पे रहते
हैं ।
यहाँ से
बनारस शहर
कितना सुंदर
दिखता है ।
आप हमें
बनारस शहर के
बारे में कुछ
बताएँगे ?
नाविक: मैं
सब बताऊँगा ।
अंजना:
सुनील जी, ये
हमें यहाँ के
बारे में कुछ बताएँगे
।
नाविक: जो
घाट आपके
सामने है,
बनारस के सारे
घाटों से बड़ा
है ।
यहाँ लोग
दूर दूर से
स्नान करने
आते हैं ।
पानी, जिस में
लोग नहा रहे
हैं, बहुत
पवित्र है ।
ये वे महल
हैं, जिन में
राजा महाराजा
रहते थे ।
जो मंदर
मेरे पीछे है,
बहुत बड़ा है
।
यही वह घाट
है जिस का नाम
दशास्वमेध
घाट है ।
दशास्वमेध
घाट सब से
सुंदर है ।
सुनील: इस
शहर के कितने
नाम हैं ?
नाविक: कए
नाम हैं ।
सुनील: कौन
कौनसे ?
नाविक: काशी,
बनारस, या
वाराणसी ।
यह राजा घाट
है जहाँ राजा
रहता था ।
सुनील: यहाँ
पर कितने घाट
हैं ?
नाविक: तीन
सौ सात घाट
हैं ।
सारे घाट एक
दिन में देखना
आसान नहीं ।
हमें एक दिन
में सारे घाट
देखने में
बड़ी मुश्किल
होगी ।
अंजना: यह
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय
का मुख्य
द्वार है ।
हम इस
विश्वविद्यालय
को बी. ऐच. यू. भी
केहते हैं ।
सुनील:
अंजना जी,
मूर्थि जो
मेरे सामने
है, किस की है ?
अंजना: यह
मूर्थि श्री
मदन मोहन
मालवीय जी की है,
जो बी. ऐच. यू.
के संस्थापक
हैं ।
चलिये, बी.
ऐच. यू. के अंदर
चलते हैं ।
सुनील: क्या
यही यहाँ का
मंदिर है ?
अंजना: जी
हाँ, यही
हमारी
यूनिवर्सिटी
का मंदिर है
जहाँ हम पूजा
करते हैं ।
सुनील:
अच्छा, अंजना
जी, यह आप के
लिये ।
अंजना: यह
क्या है ?
सुनील: यह
वही साड़ी है
जो आपको बहुत
पसंद थी
अंजना:
लेकिन, लेकिन ---
माँ: अंजना,
ज़रा जल्दी
करो । बाहर
कमरे में वे
सब तुम्हारा
इन्तज़ार कर
रहे हैं ।
अंजना:
लेकिन माँ आप
तो जानती हैं,
मैं अभी शादी
नहीं करना
चाहती हूँ ।
माँ: मैं
जानती हूँ
बेटी, लेकिन
लड़का सिर्फ़ तुम्हें
देखना चाहता
है ।
वह अभी शादी
नहीं करेगा ।
लो, यह साड़ी
पहन लो, बड़ी
सुंदर साड़ी
है ।
अंजना:
लेकिन माँ ---
अंजना:
नमस्ते ।
आप !!!
सुनील: अरे,
आप !!!
माँ: लड़का
पसंद है ?