A Door Into Hindi: Lesson 21

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A Door Into Hindi

Lesson 21

Script

 

मोहन: ओ! नमस्ते।
मेरा नाम मोहन है, मोहन लाल।
मेरी पत्नी का नाम सुशीला है।
मेरी शादी हुए दस साल हो गये,
लेकिन मेरी पत्नी मुझसे प्रेम नहीं करती।
यह मैं जानता हूँ।
मेरी पत्नी ज़रूर किसी और से प्रेम करती है।
मेरी पत्नी कहती है कि मैं पागल पति हूँ।
क्या मैं आपको पागल लगता हूँ?
इस समय चार बजने वाले हैं।
मैं आमतौर से अपने दफ़्तर से रोज़ पाँच बजे घर आता हूँ,
लेकिन आज जानबूझ कर मैं समय से पहले आया हूँ,
क्योंकि मैं देखना चाहता हूँ
कि मेरी पत्नी किस से प्रेम करती है।
मेरी पत्नी जानती है कि मैं पाँच बजे घर आऊँगा,
लेकिन आज मैं देखूँगा कि वह किस के साथ है!
पागल पति! क्या मैं आपको पागल दिखता हूँ?
अच्छा, आज मैं अपने घर भिखारी के वेश में जाऊँगा।
तब मुझे मेरी पत्नी न पहचान सकेगी।
और मैं कहूँगा ………
क्या अब मेरी पत्नी मुझे पहचान सकेगी?


भिखारी: क्या कोई घर पर है?
अरे, क्या कोई घर पर है?
सुशीला: कौन है?
भिखारी: नमस्ते देवी जी।
मैं एक भिखारी हूँ।
मैं बहुत भूखा हूँ।
मुझे खाना खाये एक दिन हो गया।
क्या घर पर कुछ खाना है?
सुशीला: शायद रसोई में कुछ खाना हो।
आइये, आइये, अंदर आइये।
भीखारी: अलख निरंजन!
सुशीला: ज़रा दरवाज़ा बंद कीजिये।
भिखारी: जी अच्छा, यह लीजिये, दरवाज़ा बंद हो गया।
(ज़मीन पर बैठता है)
सुशीला: अरे नहीं नहीं, कुर्सी पर बैठिये!
भिखारी: जी नहीं, मुझे ज़मीन पे (पर) बैठना बहुत पसंद है।
क्या मैं ज़मीन पर बैठ सकता हूँ?
सुशीला: जी हाँ, जी हाँ, बड़ी ख़ुशी से बैठिये।
भिखारी: बहुत बहुत धन्यवाद।
आपका घर बहुत अच्छा है,
और बहुत गर्म भी है।
सुशीला: धन्यवाद, मैं दिसम्बर के महीने में
सब खिड़कियाँ बंद करती हूँ।
भिखारी: अच्छा, तो जनवरी, फ़रवरी,
मार्च तक ये खिड़कियाँ बंद रहती हैं?
सुशीला: जी हाँ, इस लिये यह मकान बहुत गर्म रहता है।
भिखारी: अच्छा।
सुशीला: अरे हाँ! क्या आप को भारतीय खाना पसंद है?
भिखारी: जी देवी जी, मैं भारतीय खाना बहुत पसंद करता हूँ।
सुशीला: अच्छा, लाती हूँ।
भिखारी: बहुत बहुत धन्यवाद देवी जी।
यह कौन है?
और इस के पीछे मैं हूँ।
क्या मैं पागल पति हूँ?


सुशीला: यह लीजिये, खाना तैयार है।
भिखारी: धन्यवाद देवी जी।
खाना बहुत अच्छा दिखता है।
बताइये, क्या क्या है।
सुशीला: यह तो सब्ज़ी है।
यह अचार है।
यह रायता है,
और ये छोले हैं।
भिखारी: और क्या यह गुलाब जामुन है?
सुशीला: हाँ, यह गुलाब जामुन है।
और यह तो आप को मालूम ही है,
रोटी और चावल।
भिखारी: यह खीरा है।
सुशीला: हाँ, और यह चाक़ू है, इस को काटने के लिये।
भिखारी: बहुत अच्छा, यह चाक़ू है।
सुशीला: खाइये।


भिखारी: देवी जी, खाना बहुत अच्छा था।
मैं कैसे आपको धन्यवाद कहूँ।
मैं आपको एक गाना सुनाना चाहता हूँ।
शायद आप यह गाना पसंद करें।
सुशीला: क्यों नहीं, क्यों नहीं।
मैं भी यह चाहती थी।
मेरी इच्छा है कि मैं आप से गाना सुनूँ।
राजा: यह कौन है?
भिखारी: मैं एक भिखारी हूँ। और आप कौन हैं?
सुशीला: इन से मिलिये। ये राजा हैं।
ये मेरे प्रेमी हैं।
भिखारी: (कैमरे से) आपने देखा?
“ये मेरे प्रेमी मेरे राजा है!”
सुशीला: ये मेरे होने वाले पति हैं।
मैं राजा से शादी करने वाली हूँ।
भिखारी: जी, मैंने सुना नहीं।
सुशीला: हमारी शादी होने वाली है।
राजा मेरे पति बनने वाले हैं।
भिखारी: राजा मेरे पति बनने वाले हैं।
सुशीला: अच्छा तो आप गाना सुनाइये।
मुझे हिन्दी गाना सुने हुए बहुत दिन हो गये।
भिखारी: मुझे भी गाना गाये बहुत दिन हो गये।
राजा: मुझे भी हिन्दी गाने बहुत पसंद हैं।
मुझे हिन्दी फ़िल्मों में बहुत दिलचस्पी है।
आमतौर पर हिन्दी फ़िल्में गानों से भरपूर होती हैं।


(भिखारी का गाना)
आप को देखे बहुत दिन हो गये
ये आँखें सेके बहुत दिन हो गये
अरे मुझे तू पहचान सजना
मैं ही हूँ तेरा महमान सजना
मैं ही तो हूँ तेरी जान सजना
कहे जिसे तू अंजान सजना
तेरा सजना तेरे घर से जाने वाला है
जाने वाला है यह गाना गाने वाला है
बहुत दिन हो गये


भिखारी: अच्छा, अब मैं चलता हूँ।
सुशीला: अच्छा ठीक है, अब पाँच बजने वाले हैं,
और मेरे पति भी आने वाले हैं।
राजा, हम कल मिलेंगे।
अब मैं अपने पति का इन्तज़ार करूँगी।
राजा: ये अपने पति को पागल पति कहती हैं।
भिखारी: आप को किस का इन्तज़ार है?
सुशीला: जी, अपने पति का इन्तज़ार है।
भिखारी: और यह कौन है?
सुशीला: ये मेरे होने वाले पति हैं।
भिखारी: अच्छा!
मैं ही तुम्हारा पति हूँ!
सुशीला: क्या कहा???!!!
बाहर निकलो यहाँ से!
भिखारी: मैं ही तुम्हारा पति हूँ!
मोहन: मैं तुम्हारा पति हूँ! मैं तुम्हारा पति हूँ!
सुशीला: हमारी शादी हुए दस साल हो गये,
मगर तुम अब तक बदले नहीं!
रोज़ यहाँ आ कर तुम पैंतीस चालीस मिनट तक खड़े हो जाते हो।
यह पागल पति है!
चलो अंदर!
मोहन: नमस्ते।